कुछ दिन पहले मैं अपनी सहेली के साथ शॉपिंग करने गई थी। बाजार के आसपास कई
कॉलेज थे। शाम को कॉलेज की छुट्टी के बाद ज्यादातर लड़कियां बाजार में खरीदारी
करते हुए दिखाई दे रही थीं। बाजार में काफी भीड़ थी। लड़कियों के बीच से गुजरते
हुए दो-तीन लड़कों में से किसी एक ने कमेंट किया, यार आजकल लड़कियों की अच्छी लंबाई
कितनी कम दिखती है। ज्यादातर लड़कियां नाटी ही रह जाती हैं।
मेरी सहेली को उस लड़के का यह कमेंट भा गया। वह पीछे मुड़कर उस लड़के को देखी
और मुझसे बोली, अभी उस लड़के ने जो कमेंट किया वह तुमने सुना? वैसे तो राह चलती लड़कियों
पर लड़के तरह- तरह के कमेंट्स करते रहते हैं जो सुनना और बर्दाश्त कर पाना मुश्किल
हो जाता है। लेकिन इस लड़के ने कितना सही कमेंट किया है। यह वाकई चिंता का विषय
है। गौर करो..बाजार में ज्यादातर लड़कियां चार या फिर साढ़े चार फीट हाइट की ही
दिख रही हैं। इस भीड़ में तो यह लड़कियां आजकल के बच्चों से भी छोटी दिख रही हैं।
शॉपिंग खत्म होने पर हम दोनों रिक्शे पर बैठकर घर वापस लौटने लगे। रास्ते में
मेरी सहेली ने लड़कियों की लंबाई का मुद्दा उठाते हुए कहा कि वो लड़का पागल था।
मैंने पूछा कैसे? वह बोली उस लड़के ने आजकल की लड़कियों की लंबाई पर गौर नहीं किया है। लड़के
की उम्र पच्चीस साल रही होगी। उस लड़के को यह पता होना चाहिए कि कम लंबाई वाली ज्यादातर
लड़कियां भी पचीस से तीस के उम्र के बीच की हैं। आजकल की लड़कियां जो अट्ठारह से
बीस के बीच की हैं या उससे भी कम उम्र की हैं, उनकी लंबाई लड़कों से तनिक भी कम
नहीं दिख रही है। आजकल के बच्चे और लड़कियों की लंबाई पहले की तुलना में ज्यादा
देखने को मिलती है। खानपान में बदलाव और बदलते समाज का असर बच्चों पर तेजी से पड़
रहा है। शायद यही कारण है कि लड़कियों की लंबाई में पहले की अपेक्षा वृद्धि के साथ
ही समाज के लड़के भी समय से पहले ही हर विषय के बारे में जानकारी हासिल कर ज्यादा
मेच्योर हो जाते हैं।
सहेली ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि जब मैं गांव जाती हूं तो वहां कुछ
लड़कियों की बुआ और कुछ की दीदी कहलाती हूं, लेकिन उन आठ से दस साल के लड़कियों की
लंबाई भी मेरे बराबर या मुझसे कहीं ज्यादा ही अधिक है। उसने बताया कि गांव में जब
छोटी ही उम्र में लड़कियां तेजी से लंबी होने लगती हैं तो उनकी माताएं कहती हैं कि
देखो मेरी लड़की तो ताड़ की तरह लंबी हो रही है। कुछ घरों में तो लड़कियों का कंधा
उनके पिता के कंधे के बराबर है, इसपर लड़कियों की माताएं हंसते हुए कहती हैं कि
देखो मेरी बेटी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है।
शादी-ब्याह के दौरान लड़कियों की कम लंबाई हमेशा से एक समस्या रही है। लेकिन
आजकल जो लड़कियां बड़ी हो रही हैं उनके साथ ऐसी समस्या नहीं आएगी। बल्कि शादी के
दौरान उन्हें टोका जाएगा की हाई हील की सैंडिल न पहनना नहीं तो दूल्हे के सामने
ताड़ जैसी दिखोगी।
सहेली की बातें खत्म नहीं हुई थी। लेकिन घर आ गया था। वह उस लड़के के कमेंट की प्रशंसा
करते हुए यह कह रही थी कि उस लड़के ने लड़कियों के ऊपर अच्छी वाली फब्ती कसीं।
वाकई, लड़कियों की कम लंबाई चिंतनीय थी।