आटे की तरह
रिश्तों में सनी औरत
मर्द जिसका लोई बनाकर
समाज के तवे पर सेंकता है
पूड़ी कचौड़ी की भांति
जरुरत और सुविधा के मुताबिक
औरत इंसान नहीं है
उसका तो परिचय ही
मां-बहन और बीबी है
साड़ी गहने और परिवार
में उलझी औरत
सारा जीवन देखती है
बस एक ही मंजर
और इन्हीं के नाम का रंग चढ़ाकर
गुजार देती है जीवन अपना
सिर्फ एक ही परिचय से
अन्ततः मां-बहन और बीबी बनकर...
रिश्तों में सनी औरत
मर्द जिसका लोई बनाकर
समाज के तवे पर सेंकता है
पूड़ी कचौड़ी की भांति
जरुरत और सुविधा के मुताबिक
औरत इंसान नहीं है
उसका तो परिचय ही
मां-बहन और बीबी है
साड़ी गहने और परिवार
में उलझी औरत
सारा जीवन देखती है
बस एक ही मंजर
और इन्हीं के नाम का रंग चढ़ाकर
गुजार देती है जीवन अपना
सिर्फ एक ही परिचय से
अन्ततः मां-बहन और बीबी बनकर...
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