गुरुवार, 3 अगस्त 2017

टूथपेस्ट!!!



याद है..उस दिन सुबह जब शॉप पर टूथपेस्ट लेने पहुंची तो शॉप बंद थी...फिर तुम्हारे ही कमरे से पतंजलि का जो दंत कांति टूथपेस्ट उठा लायी थी वो आज खत्म हो गया। उस दिन आते-आते तुमने कहा था कि जब शॉप खुलेगी तो तुम खरीद लेना और इधर आना तो मेरा टूथपेस्ट वापस कर देना। जबकि तुम्हें था कि ये लड़की टूथपेस्ट वापस नहीं करने वाली।

बाकी सामानों की तरह खत्म होने से पहले टूथपेस्ट खरीदने की चिंता कभी नहीं रहती है। लेकिन जब अचानक से टूथपेस्ट खत्म हो जाता है तो सबसे जरूरी सामान वही लगता है। 

हां...तो मैं कह रही थी एक महीने पहले तुम्हारे कमरे से जो टूथपेस्ट उठाकर लायी थी मैं वह खत्म हो गया है। वैसे तो टूथपेस्ट जब भी खत्म होता है मैं उसका ट्यूब काटकर उसमें से भरपूर पेस्ट निकाल लेती हूं...लेकिन देखो न...ये वाला पेस्ट रात में खत्म हुआ है....रात को ब्रश किए बिना मैं सो नहीं सकती और अगर मैंने ट्यूब को काटकर पेस्ट निकाला तो बचा-खुचा पेस्ट सुबह तक सूखकर पपड़ी हो जाएगा....और फिर एक महीने पहले वाली कहानी फिर से दोहरानी पड़ेगी।

अब तुम समझ गए होगे कि मैं क्या कहना चाहती हूं....जी हां....सुबह पांच बजे उठने के बाद दस बजे ब्रश कौन करता है भला....शॉप तो दस बजे ही खुलेगी...फिर इतनी सुबह पेस्ट कहां से आएगा.....मैं फिर से तुम्हारे कमरे से टूथपेस्ट उठाऊंगी तो तुम इस बार चालीस की जगह अस्सी रूपए वसूलोगे मुझसे....चलो इस बार बख्श देती हूं तुम्हें.....आज रात बिना ब्रश किए ही सो जाती हूं....सुबह उठकर उस ट्यूब को काटकर भरपूर पेस्ट निकालूंगी...तब मेरी पड़ोसन मुझे बोलेगी...सामान का पैसा वसूल यूज करना कोई इनसे सीखे।

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