गंगाजल,
अपहरण, राजनीति, चक्रव्यूह और सत्याग्रह जैसी फिल्में बना कर कई नेशनल, फिल्म फेयर
एवं स्क्रीन अवार्ड अपने नाम कर चुके निर्माता
निर्देशक प्रकाश झा का आज 61वां जन्मदिन है।
फिल्म
निर्माता प्रकाश झा का जन्म 27 फरवरी 1952
को बिहार के चंपारन जिले के बेतिया गांव मे हुआ था।उनके पिता किसान थे और घर में खेती-बाड़ी
का काम होता था।
उनकी
स्कूलिंग कोडरमा डिस्ट्रिक्ट के सैनिक स्कूल तिलाया और बोकारो स्टील सिटी के केंद्रीय
विद्यालय झारखंड में हुई. इसके बाद उन्होंने दिल्ली युनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज से
फिजिक्स में बीएससी ऑनर्स किया. इसके बाद उन्होंने पेंटर बनने का निर्णय किया और जेजे
कॉलेज ऑफ आर्टस में एडमीशन लेने मुंबई आ गए.
मुंबई
में पहली बार उन्होनें चांद साहब की फिल्म धर्मा की शूटिंग देखी और फिल्म मेकिंग का
निर्णय किया, और पूणे स्थित फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीट्यूट में एडिटिंग का कोर्स में
दाखिला लिया। उस समय कुंदन शाह, केतन मेहता, ओम पुरी और नसीरुद्दीन शाह उसी इंस्टीट्यूट
में पढ़ते थे। कोर्स के बीच में ही स्टूडेंट एजिटेशन की वजह से इंस्टीट्यूट कुछ दिन
के लिए बंद हो गया और वो फिर मुबई आ गए और फिर कभी वापस नहीं गए.
प्रकाश
झा ने प्रसिद्ध अभिनेत्री दीप्ति नवल से शादी की और इन दोनों ने मिलकर एक बेटी को गोद
लिया। बाद में दोनो अलग हो गए।
प्रकाश
झा कहते हैं-मिट्टी की महक, कच्ची सड़के, पगडंडियां, खेत, और धान की महक मेरे दिलो
दिमाग में बसी है। मैं एक खेतिहर पिता का बेटा हूं। पहली बार घर से भागा तो मुंबई ही
आकर रुका और वहां चांद साहब की फिल्म धर्मा की शूटिंग होते हुए देखा, वहीं से फिल्म
मेकिंग का ख्याल दिमाग मे आया। फिल्म मेकिंग का जूनून इस कदर सवार था कि मैं अपना एक
मिनट भी बर्बाद नहीं करना चाहता था, और फिल्म एंड टेलिवीजन इंस्टीट्यूट, पूणे में एडिटिंग
का कोर्स करने के लिए दाखिला ले लिया। बीच में ही कोर्स अधूरा छोड़कर वापस मुंबई लौट
आया और फिल्म मेकिंग के अपने सपने को साकार करने में जुट गया। मेरी जिंदगी की नई शुरुआत
यहीं से हुई।
सन्
2005 में उन्हें फिल्म आरक्षण और 2011 में फिल्म राजनीति के लिए बेस्ट स्क्रीन प्ले
अवार्ड से नवाजा गया।
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