छोटे बच्चे को पहले अ, अा, इ, ई लिखना सिखाया जाता है फिर क, ख, ग, घ। लेकिन उनसे जब लिख कर दिखाने को कहा जाता है तो वे अ, आ, ई लिखना आने के बावजूद क, ख, ग लिख कर दिखाते हैं।
ऑफिस में एक बूढ़े से दिखने वाले अंकल हैं। टाइपिस्ट हैं। हाथ में एक छोटा सा झोला पकड़े आते हैं। एक बड़ा गोलाकार डिब्बा होता है उस झोले में। शायद खाने का डिब्बा। आकर एक कम्प्यूटर के पास कुर्सी पर बैठ जाते हैं। कम्प्यूटर पहले से ही खुला रहता है। वो क्वार्क पर टाइपिंग पेज खोलते हैं, और बड़े एवं मोटे अक्षरों में ककककक लिख कर इंतजार करते हैं जब तक उनके पास कुछ टाइप करने के लिए ना आ जाए। टाइप तो वो रोज करते हैं। लेकिन जब कंप्यूटर पर बैठते हैं तो ककक लिखकर जाने क्यों उसको देखते रहते हैं। शायद शुऱु से शुरु करते हैं। रोज लिखते हैं, रोज देखते हैं, रोज सीखते हैं,ककक।
ऑफिस में एक बूढ़े से दिखने वाले अंकल हैं। टाइपिस्ट हैं। हाथ में एक छोटा सा झोला पकड़े आते हैं। एक बड़ा गोलाकार डिब्बा होता है उस झोले में। शायद खाने का डिब्बा। आकर एक कम्प्यूटर के पास कुर्सी पर बैठ जाते हैं। कम्प्यूटर पहले से ही खुला रहता है। वो क्वार्क पर टाइपिंग पेज खोलते हैं, और बड़े एवं मोटे अक्षरों में ककककक लिख कर इंतजार करते हैं जब तक उनके पास कुछ टाइप करने के लिए ना आ जाए। टाइप तो वो रोज करते हैं। लेकिन जब कंप्यूटर पर बैठते हैं तो ककक लिखकर जाने क्यों उसको देखते रहते हैं। शायद शुऱु से शुरु करते हैं। रोज लिखते हैं, रोज देखते हैं, रोज सीखते हैं,ककक।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें