क्षण
जो लिखित रूप में मौजूद हैं
सोमवार, 24 मार्च 2014
आस्था..
गिनिए तो कितने नारियल हैं!!!
इससेे क्या होता है भाई!!
इतने आशीर्वाद कहां से लाऊं!!
ये भी आस्था है..
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