गुरुवार, 14 अगस्त 2014

चीनी का शर्बत...

मैंने उससे कहा कि अपने फ्रिज से ठंडा पानी ला दे।
वह दौड़कर गई और एक गिलास ठंडा पानी लाई। मैनें उसमें आधा चम्मच नमक डाला और नींबू निचोड़ा..वह इसे गौर से देख रही थी..बोली- तुम्हारे घर चीनी नहीं है?
'नहीं'  मैंने कहा
'मुझे चीनी का शर्बत पीना है'  वह बोली
मैंने कहा- जाओ अपनी मम्मी से शर्बत बनवाकर पी लो।
वह गई, लेकिन थोड़ी देर में ही लौट आई...बोली मम्मी सो रही हैं।
मैंने कहा- एक गिलास पानी  में दो चम्मच चीनी डालकर लाओ...मैं उसमें नींबू निचोड़ दूंगी...फिर तुम पी लेना चीनी का शर्बत।
वह चली गई...और थोड़ी देर बाद रोते हुए आई।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
वह कुछ नहीं बोली बल्कि और जोर से रोने लगी।
मैंने उसे चुप कराकर पूछा- रो क्यों रही हो?
उसने कहा- जिस लोटे में शर्बत बना रही थी वह  लोटा उसका भाई गिरा दिया..इससे सारा शर्बत गिर गया।
मैंने कहा- लोटे  में शर्बत क्यों बना रही थी?
उसने कहा-किचन में लोटा ही नीचे रखा गया था...मम्मी सारा बर्तन ऊपर टांग दी हैं और स्टूल भी कहीं छिपा दी हैं।
तब तक उसके यहां कोई गेस्ट आया जो साथ में मिठाई भी लाया था..और वह चली गई।

(चार साल की है वह, भाई उसका एक साल का ...इनके घर में मैं किराएदार हूं )

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