रविवार, 19 नवंबर 2017

मरे हुए लोग अच्छे नहीं लगते मुझे!



सुनो!
जैसा सभी कहते हैं कि समय नहीं मिल पा रहा है
चाहकर भी टाइम नहीं निकाल पा रहा हूं
तुम उनसे कुछ अलग नहीं कहते हो।
लेकिन अगर हो, तो होने जैसा महसूस होने दो।
जानती हूं!
फेसबुक और व्हाट्सएप रोज चलाते हो
लेकिन एक पुरानी फोटो एक हजार दिनों से लगाए रखे हो
उकता जाती हूं देखते-देखते, लगता है जैसे कोई कब्र देख रही हूं
अगर हो, तो थोड़ी हलचल रखो
पता है मुझे!
फोन करने पर उठाओगे नहीं
देखकर भी वापस कॉल नहीं करोगे
पूरे साल-साल खुद को बिजी बताते हो
अगर हो, तो अप्वाइंटमेंट दे दो
अगर हो, तो होने जैसा लगो
क्योंकि
चलते-फिरते मरे हुए लोग अच्छे नहीं लगते मुझे।

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