जब वह मॉर्निंग वॉक पर निकली उस समय थोड़ा
अंधेरा था। कुछ औरतें कारखानों के आसपास चौड़ी सड़कों पर टहलने के लिए निकलीं थी।
कुछ पुरुष भी आपस में बात करते हुए जा रहे थे। थोड़ा अंधेरा जरूर था लेकिन उसे डर
नहीं लग रहा था। अगर वह पांच मिनट भी कहीं रूक जाती तो उसी रास्ते पर अंधेरा छंट
जाता औऱ सुबह हो जाती। लेकिन उसे पता था कि यह सुबह ही है, बस थोड़ा सा अंधेरा है।
वह कान में इयरफोन लगाए भक्ति गाने सुनते हुए जा
रही थी। कुछ आगे बढ़ी तो उसे दूर से ही रास्ते में कोई खड़ा दिखाई दिया। वह जब
उसके पास पहुंची तो देखा कि वो वही लड़का है जो रोज उसे टहलते हुए देखा करता है।
कभी अपने कुत्ते को टहलाते हुए मिलता है तो कभी किसी दोस्त के साथ टहलते हुए दिख
जाता है। वह कई दिनों से उस लड़के को देख रही थी, लेकिन सिर्फ दूर से ही।
वह जैसे ही आगे बढ़ी लड़का उसके पीछे-पीछे चल
दिया। अब सुबह हो गई थी और उसे डर नहीं लग रहा था। उस दिन वह एक सुनसान रास्ते पर
अकेले टहल रही थी, जिधर अमूमन कोई नहीं जाता था। जब वह सड़क पर टहलते हुए एक मोड़
पर आकर रूकी तो लड़का अचानक उसके सामने आ गया। वह बेहद गोरा था और उसके होंठ
लड़कियों की तरह गुलाबी थे। यह ठीक वैसा ही था जैसे मैट्रीमोनियल में वर/वधू चाहिए के लक्षण लिखे
होते हैं। इस तरह से अपने सामने अचानक उसको देखकर उसका दिल धक धक करने लगा लेकिन
वह डरी नहीं।
अब वह उस रास्ते पर टहलने लगी थी जिधर काफी लोग
टहल रहे थे और व्यायाम कर रहे थे। लेकिन उस लड़के का चेहरा और गुलाबी होठ उसके
दिमाग में बस गया था। वह किसी राजा के पुत्र के जैसे दिख रहा था। अद्भुत था उसका
चेहरा। अलग-अलग रास्तों पर टहलते हुए वह उससे किसी न किसी मोड़ पर उससे टकरा जा
रही थी। लड़का उसे पहले एकटक देखता और बिना कुछ बोले आगे निकल जाता। कई दिन पहले
भी उसके साथ ऐसा हो चुका था लेकिन आज वाला कांड कुछ ज्यादा ही रोमांचक और फिल्मी
था।
रास्ते में उसने पीले कनेर का एक फूल तोड़ा और
उसे अपनी मुट्ठी में बंद कर टहलने लगी। वह सोच रही थी कि इस बार अगले मोड़ पर वह
लड़का मिला तो उसे वह पीले कनेर का फूल जरूर देगी। यह सोचते हुए वह आगे बढ़ रही थी
कि वह लड़का फिर से उसे मिल गया। लड़के ने उसे देखा और उसैन वोल्ट वाली रफ्तार से
आगे बढ़ गया।
पीला कनेर उसके हाथ में ही रह गया। वह सोचती रही
कि जब उसे पीला कनेर देगी तो कहेगी देखो इस फूल में मेरी हथेली की गर्माहट है। इसे
जरूर महसूस करना। लेकिन यह मौका वह चूक गई थी। पीला कनेर अपनी मुट्ठी में दबाए वह
इस उम्मीद से लौट आयी कि कल वह उस लड़के को एक फूल जरूर देगी। जो राजा के पुत्र
जैसा दिखता है, लड़कियों के जैसा गोरा है और जिसके होंठ गुलाबी हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें